पत्र क्या है – पत्र कितने प्रकार के होते है ? patra kitne prakar ke hote hain

अगर आप आधुनिक युग से है तो जाहिर सी बात है पत्र के बारे में बहुत ही कम सुने होंगे तो ऐसे में आज हम जानेगे पत्र क्या है और पत्र कितने प्रकार के होते है patra kitne prakar ke hote hain ?

आज के समय में अपने मित्रो व रिश्तेदारों की कुशलता जानने के लिए SMS , Email , Whatsapp , जैसी सोशल साइट्स का इस्तेमाल करते है लेकिन पहले के समय में ये आधुनिक उपकरण नहीं हुआ करते थे तो पहले के समय में अपने रिश्तेदारों व् सगे सबंधिओं और मित्रो की हाल ,खबर रखने के लिए पत्र का इस्तेमाल होता था |

 

patra kitne prakar ke hote hain ?
patra kitne prakar ke hote hain ?

पत्र क्या है ? (Patra kya hai)

दोस्तों आज के समय में में हम शब्द के रूप में टेक्स्ट मैसेज भेज के एक दूसरे से बात करते है लेकिन पहले के समय में अपने रिश्तेदारों व मित्रो बात करने के लिए और हाल चल पूछने के लिए एक कागज पर शब्दों को लिख कर भेजा जाता था जिससे पत्र कहा जाता है |

एक व्यक्ति द्वारा अपनी भावनाओ को शब्दों में संग्रह करके दूसरे व्यक्ति के समक्ष ,लिख कर प्रकट करना ही पत्र कहलाता है | 

पहले के समय में कोई सन्देश भेजना हो या राजा अपने राज्य से कही दूर किसी अन्य राजा को कुछ कहना होता था तो इसी माध्यम से वो अपनी बात को अन्य राजाओ के समक्ष प्रस्तुत करते थे |

जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में समय लगता था लेकिन आज के इस आधुनिक युग में आप अपनी बातो को एक स्थान से दूसरे स्थान के व्यक्तिओ को मात्र कुछ सेकंड में भेज सकते है यहाँ तक की आप दूसरे देश के लोगो से कुछ ही सेकंड में बात कर सकते है |

लेकिन पहले के समय में जो पत्र पर अपनी भावनाओ को शब्दों में लिखा जाता था उसकी महत्वता आज के आधुनिक लोग शायद ही समझ पाए |

यही कारण है की भारत सरकार ने हर जिले में एक पोस्ट ऑफिस का गठन किया था जिससे लोग अपने रिश्तेदारों को पत्र भेजा करते थे | और आज भी कुछ ऐसी चीज़े है जो अभी भी पोस्ट ऑफिस में आया करती है | ये तो आप समझ गए होंगे की पत्र क्या है अब जानते है की Patra kitne prakar ke hote hain

पत्र कितने प्रकार के होते है ? Patra kitne prakar ke hote hain

पत्र मुख्यता 2 प्रकार के होते है –

  • औपचारिक पत्र
  • अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र –

औपचारिक पत्र अधिकतर किसी दूसरे से प्रार्थना पत्र (अवकाश हेतु,शिकायत हेतु , सुधार हेतु , आवेदन हेतु )जो पत्र लिखे जाते है और किसी कार्यालय में किसी सरकारी विभाग व सरकारी अधिकारी को जो पत्र लिखे जाते है इस तरह के पत्र औपचारिक पत्र कहा जाता है | यानि की सरल भाषा में कहे तो औपचारिक पत्र एक दूसरे को किसी बड़े उद्देश्य के लिखा जाता है |

अनौपचारिक पत्र –

इस प्रकार के पत्र को लिखने व प्राप्त करने वाले बीच कोई मधुर सम्बन्ध होते है जैसे कोई अपने प्यारे साथी को , कोई बेटा अपने माता -पिता को , जो पत्र लिखता है इससे अनौपचारिक पत्र कहा जाता है | इस पत्र को मकसद एक दूसरे के बारे में जानकारी प्राप्त करने और अपनी भावनाओ को व्यक्त करने के लिए लिखा जाता है |

किसी आशिक़ को अपनी महबूबा को जो प्यार भरी बाते लिखी जाती है या उसके हाल चाल हेतु जो पत्र लिखा जाता है उसे अनौपचारिक पत्र कहते है | उम्मीद है आप समझ गए होंगे इन दोनों पत्रों के अंतर के बारे में |

पत्र लिखने का तरीका ( How To Write Letter In Hindi )

अब जानते है पत्र लिखने का सही तरीका की आपको पत्र लिखते समय किन बातो का ध्यान देना चाहिए –

  • एक अच्छा पत्र लेखन के लिए जिससे भेजना हो उसका नाम और दिनांक व पता लिखना होता है |
  • उसके बाद आपको पत्र में थोड़ा पत्र किस विषय में लिख रहे है ये लिखना होता है |
  • पत्र औपचारिक हो अनौपचारिक दोनों में ऐसे ही लिखना है |
  • सम्बोधन और अभिवादन लिखना न भूले |
  • पत्र की समाप्ति हस्ताक्षर से करे |
  • पत्र  लिखते समय हमेशा भाषा शैली का ध्यान रखे |
  • पत्र लिखते समय अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे पढ़ने वाले को आपकी भावनाओ को पत्र पढ़ के ही पता लग जाये |
  • पत्र हमेशा साफ़ और अच्छी तरीके से लिखे |
  • पत्र में कम शब्दों में ज्यादा लिखने की कोशिश करे |
  • पत्र लिखने के बाद एक बार दुबारा जरूर पढ़े ताकि गलतिया हो तो उससे सुधर सके |

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conclusion

तो दोस्तों उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी की पत्र क्या है ? और Patra kitne prakar ke hote hain ? अगर आपको जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे ताकि उन्हें भी पत्र कैसे लिखना है  इसकी जानकारी हो सके |

 

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